15 साल की सेवा के बाद लगभग 34/35 वर्ष की आयु हजारो लाखो सैन्यकर्मी सेवानिवृत्त होते हैं। उनमें से 90% (पीबीओआर) को 60 वर्ष की आयु तक चिकित्सा उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
इस प्रकार ECHS इन कर्मियों से बड़ी राशि बचाता है। इसके इलावा हजारों-लाखों PBOR ESM जो कभी भी भेदभावपूर्ण नीति, कुछ क्लिनिक प्रबंधन प्राधिकरण के तानाशाही रवैये और पक्षपातपूर्ण रैंक के कारण ECHS कभी नहीं गए।
इसलिए, ECHS को सभी रैंकों के लिए खुली प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से पॉलीक्लिनिक के प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि पीबीओआर को भी मौका मिले।