भारतीय सेना में एक के बाद एक परिवर्तन हम देखी रहे हैं पर एक ऐसा मामला है जो बहुत पहले ही परिवर्तन लाना चाहिए था पर नहीं लाया गया । जो भी इसका वजह हो अब खुशी की बात यह है कि अब यह परिवर्तन आ रहे हैं भारतीय वायुसेना में । इस फैसले को देने में इतना देर लगा दी है कि हमारी सेना ने अपने 200 वीरों की शहादत दे दी बलि दे दी उसके बाद यह फैसला आया । सेना का बड़ा फैसला 200 जवानों की सैक्रिफाइस के बाद लिया गया ।

सेना के प्रमुख अधिकारी और उच्च स्तरीय ब्यूरोक्रेट्स यह जानते हुए कि यहां पर हमारी जान को खतरा है उसके बावजूद भी कभी भी उन्होंने सेना के सुरक्षा के बारे में नहीं सोचे । इतनी सारी हादसा होने के बावजूद भी इनकी जैन इस पर नहीं कभी गया पर अब यह फैसला आया है जो देर से आया सही । हाल ही में राजस्थान में जो दुर्घटना हुई है मिग 21 की वजह से और जिसकी जांच अभी चल ही रहा है अनुमानित है कि दुर्घटना के कारण पुराना मिग-21 । जैसा कि आप सभी जानते हो कि आए दिन ऐसी दुर्घटना होती रहती हैं अब तक 400 मिग21 की Crash हो चुकी है जिनमें हमारे 200 जांबाज पायलटों की जान गई है ।

1960s के दशक में इंडियन एयर फोर्स के अंदर मिग-21 रूस की तरफ से दिया गया था और लगभग 870 मिग-21 induct किया गया था जिनमें से 400 क्रैश हो चुके हैं और अभी भी भारतीय वायुसेना के दो Sqn के अंदर 50 Mig 21 मौजूद है । और अब इनको 2025 के शुरुआत तक भारतीय वायुसेना से बाहर होना है । यह भारतीय वायुसेना से बाहर हो जाएंगे लेकिन अब तक यह हमारे 200 पायलट की जान ले चुका है इसीलिए इसको कहा जाता है हवा में उड़ता हुआ कफन । हम चाहते हैं जितने भी पायलट अब तक इसमें शहादत को प्राप्त हुए जिन्होंने अपनी बलि दी है अगर आप उनके रिलेटिव्स के स्टेटमेंट सुनेंगे सबने एक ही अनुरोध किया है कि हमने तो अपने बच्चे को खोया लेकिन आने वाले समय में और किसी को ऐसा दुख सहना ना पड़े ।

सेना का बड़ा फैसला 200 जवानों की सैक्रिफाइस के बाद

इसलिए इस उड़ते हुए ताबूत को सेना से जितनी जल्दी हो सके निकाल दिया जाए और इसे सेना में रखने के लिए आगे विचार ही न किया जाए । और अब जब इंडिया का अपना इंडिजिनियस तेजस है रफल खरीद चुके हैं तो अब भारतीय वायुसेना में मिग21 नहीं होना चाहिए और कोई हमारा जांबाज भाई पायलट हमारा कोई जवान इसकी शहादत ना करें । इसलिए यह जो अस्थाई रोक लगाई है इसको परमानेंट सेना सें बाहर कर देना चाहिए