जो पूर्ब सैनिकों ने कल पसीना बहाई और भूखे रहे यानी वह कामयाबी आज आपको बड़े नेशनल चैनल के माध्यम से दिखाए जाएगा और आप प्रिंट में भी आप का अधिकारों के लिए लड़ाई देख सकते है। एक बड़े अखबार ने यह न्यूज़ कवर किया है और जिनके साथ मंच सजा किया था – पूर्व न्यायाधीश ने असुरेन्स दिया है इस पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए । Know details here.
प्रधानमंत्री कार्यालय से क्या आया रक्षा मंत्री जी ने क्या बताया इस लेख में डिसकस करेंगे। टीवी चैनल “आज तक” नेशनल चैनल “वन रैंक वन पेंशन” पर बैठे हुए भूख हड़ताल पर हमारे पूर्व सैनिकों का प्रयास को दिखाया और इस न्यूज़ को उन्होंने प्रकाशित किया। अब यह खबर लोकल न्यूज़ और युटुब तक सिमित नहीं रह गया। नेशनल मीडिया में पूर्ब सैनिको का यह प्रयास छ गए है। आपकी बात आपकी मेहनत रंग लाती रही है और सबसे बड़ा कवरेज अमर उजाला का पेज पर। दोस्तों अमर उजाला में जो खबर छपी है आप देख सकते हो। प्रयागराज के अंदर एक माननीय मुख्य न्यायाधीश डीपीएन सिंह ने मंच पर जवानों का साथ दिया। कुछ और बुद्धिजीवी इकठ्ठे हुए और वहां पर जो अध्यक्षता कर रहे थे सुंदर सिंह पटेल उन्होंने कहा है की वो आरोपी में जो विसंगतियां साथ मांगों का ज्ञापन हमने माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजा ।
उन्होंने कहा है रक्षा मंत्री जी के पास रिक्वेस्ट को भेजो और वित्त मंत्री को भी ये भेजो और उनकी तरफ से सकारात्मक जवाब भी आया है। उन्होंने बोला डाक के जरिये जो हमने ज्ञापन भेजी थी उनका जवाब आया आ चूका है। आज हम भूख हड़ताल लेकर के बैठे हुए की इनके ऊपर कोई करवाई हुई हालांकि उन्होंने पिछले जवाबों में आश्वासन दिया है की हम इन बिसंगति को जल्द दूर करेंगे।
ये कोई भाषण नहीं है । ब्लैक और व्हाइट में ये न्यूज़ प्रकाशित हो रही है। और वहां पर ये बहुत अच्छी बात है की पूर्व न्यायाधीश और बुद्धि जीबी लोगो को भी कन्विंस कर पाए और उन्होंने यह महसूस किया की सैनिकों को न्याय मिले और सैनिकों का मुद्दे का राजनीतिकरण भी हो ताकि आने वाले चुनाव तक सरकार के पास इनकी आवाज पहुचना चाहिए ये चीज छुपी नहीं हो। आप देख सकते हो बंगाली अखबार का मैं आर्टिकल , हिमाचल का , उत्तराखंड का वीडियो देख सकते है – सब चीज आपके सामने।
दूसरी बात जैसलमेर का एक अनुविभवी सैनिक ने क्या कहा है – “आज हम धरने में बैठे हुए इससे पहले हमने पांच बार सरकार को जागने के लिए ज्ञापन दे चुके हैं हमारे आखिरी उम्मीद ये है की जुडिसियल कोमीटी जैसे पहले बनाये गए थे इसी प्रकार का तीन सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा कमेटी बनाई जाए और वो हमारे डिमांड को जाँच करें और हमारे साथ सरकार की भी और जो अधिकारी है उनकी भी सुन करके हमारे साथ में जो भेदभाव हुआ है उसे भेदभाव को खत्म किया जाए। हमारी सरकार से यही मांग है। बताते हैं की मोदी है तो मुमकिन है। सैनिको ने प्रधान मंत्री मोदी जी पर बहुत उम्मीद लगाएं बैठे हैं। रक्षा मंत्री पर भी उम्मीद लगा बैठे हैं। इस सरकार को बनाने वाले में से एक महत्वा पूर्ण भूमिका पूर्व सैनिको का था। हम आज भी पूर्व सैनिक बर्तमान सरकार के समर्थन में है।”
उन्होंने कहा और भी कहा है “लेकिन सरकार को हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। हमारे धैर्य खोया जा रहा है। हमें आज 5 महीने हो गए हैं बैठे-बैठे दिल्ली में। अभी आखिरी – हमें आगे भी स्टेप उठाना पड़ेगा लेकिन हम सैनिक पीछे नहीं मुड़ेंगे।”
“हमने बॉर्डर की भी रक्षा की है इसलिए हमारी जो भी मांगे हैं उनकी सरकार समीक्षा ले और हमारी सुने और उन्हें पुरी करें। “
उन्होंने कहा है की – “मोदी जी जरा सुनिए – कहते हैं की मोदी है तो मुमकिन है आखिर OROP की जो विसंगतियां हैं – मुझे उसे चीज का दुख है की आपने OROP पर पैसा दिया फंड दिया और जिसके लिए देना था वहां तक नहीं पहुंच पाए। बस उसके लिए आपको जगा रहा हूं की ये आप मेरी बात सुन लीजिए चाहे मिलिट्री सर्विस पे को लेकर हो या वन रैंक वन पेंशन को लेकर हो जितना आपने जो फंड दिया है वो जिसके लिए वहां नहीं पहुंच पते है। हम आपसे मांग कर रहे हैं की आप तीन जजों की तीन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की कमेटी बनाएं और वो सबका सुने।”
कितनी अच्छी बात कहीं है – “सरकार का भी सुने और सुने हमारा भी और सुने हमारे अधिकारियों का भी पक्ष और जो न्याय संगत है उसके ऊपर मोहर लगाएं। न्याय करें – क्योंकि हम देश की रक्षा कर सकते हैं – बॉर्डर की रक्षा कर सकते हैं – आज यह नहबत आ गई की हम अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए मजबूर होकर आपके सामने बैठे हैं।”
जबरदस्त बात कहि है और मैं इस योद्धा को सलूट करता हूं ।
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